Tuesday, August 13, 2013

Happy Independence Day - 15 August


स्वतंत्रता दिवस अमर रहे। जैनधर्म मुख्यतः कर्म पर आधारित है। यह न ही तो हिन्दु धर्म की तरह यह मानता है कि पत्नी के करवाचौथ के व्रत रखने से पति की आयु बढ जाती है एवं न ही इस्लाम की तरह यह मानता है कि बकरे कि बलि एक शहादत है जो पाक होती है.. जैन धर्म के अनुसार न ही तो किसी और के अच्छे कर्मो का फल हमे मिल सकता है और न ही हमारे बुरे कर्मो का फल किसी और को... जैन धर्म मे कर्म की स्पष्ट एवं व्यावहारिक परिभाषा है जो हमे मानवता, कर्तव्यपालन एवं न्याय की प्रेरणा देती है। अपने देश की रक्षा करना एवं शत्रु द्वारा आक्रमण करने पर उसका प्रतिकार करना भी हमारा कर्तव्य है। यद्यपि न्यायपूर्वक भी युद्ध करने मे हिँसा का पाप थोडा तो लगता ही है परंतु यह हिँसा संकल्पी नही होती अतः शत्रु के आक्रमण करने पर भी चुपचाप वैठे रहने से लगने वाले पाप की अपेक्षा कम हिँसक होती है.. हमारे भारत के वीर सैनिक इसके प्रत्यक्ष उदाहरण है, कई दशकोँ से केवल भारत ही एक ऐसा बडा देश है जिसने कभी किसी अन्य देश पर स्वयं आक्रमण नही किया.. जो व्यक्ति अपनी मातृभूमि से प्रेम नही करता वह न ही तो अपने धर्म का सम्मान कर सकता है एवं न ही मानवीय मूल्योँ को समझ सकता है।। अतः राष्ट्रधर्म का निर्वाह करना हमारा परम कर्तव्य है। राष्ट्रधर्म से तात्पर्य सीमा पर जाकर लडने से ही नही बल्कि अपनी क्षमता के आधार अपने देश, समाज, नगर एवं संस्थानो को स्वच्छ एवं सुव्यवस्थित रखने से है देश की संपत्ति हमारी अपनी संपत्ति है इसका अर्थ ये नही कि हम इसे तोडेँ फोडेँ जो चाहे करेँ बल्कि इसे सहेज कर रखेँ एवं सुरक्षा करेँ। आज भारतीयोँ मे आत्मसम्मान की बहुत कमी है वे अपने देश को बहुत पिछडा समझते है जबकि हमारे भारत की महिमा अनंत है यहाँ जो है वो कहीँ और नही। भारत की गंदी गलियाँ सडके कई भारतीयोँ की गंदी सोच का नतीजा है.. सडक से कचरा उठाकर कचरेदान मे डालने से कोई नीचा नही होता। इसी सोच के कारण जापान जर्मनी सिँगापुर जैसे छोटे देश इतने विकसित एवं स्वच्छ है। यदि इस स्वतंत्रता दिवस पर आप राष्ट्रभक्ति करना चाहते है तो आप ये छोटे कदम उठा सकते हैः- 1)अपने भारतीय होने पर गर्व, भारतमाता,राष्ट्रगान एवं अन्य राष्ट्रीय चिन्होँ के प्रति ह्रदय से सम्मान। 2)जल,भोजन, बिजली एवं अन्य संसाधनो का संरक्षण। 3)अपने घर,विद्यालय, आफिस के आसपास की सफाई का ध्यान एवं कभी खुले मे कचरा न फेकने का प्रण। 4)जरुरतमंदो की यथासंभव मदद करना। 5)यदि आप Student है तो अपने दोस्तोँ के साथ एवं Job करते है, तो अपने Co employees के साथ मिलकर सफाई अभियान, Re Cycling events का आयोजन। विश्वास कीजिए यदि आप इन कर्तव्योँ का पालन करतेँ है तो आप किसी सैनिक से कम नही है। प्रत्येक जैन एवं प्रत्येक भारतीय (हिँदु,मुस्लिम, सिख,इसाई) का यह कर्तव्य है कि वो अपने राष्ट्र के प्रति समर्पित हो। ।।जय जिनेन्द्र।। ।।जय भारती।। By Tatwarth Sutra

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