Friday, September 27, 2013

✿ इतनी शक्ति हमें देना जिनवर...कर्म बंधन को हम भी तोड़े... ✿
हम चले मोक्ष मार्ग पर हमसे...भूल कर भी कोई भूल हो ना !

दूर अज्ञान के हो अँधेरे...जिनवाणी का श्रवण करे हम...
हर बुराई से बचते रहे हम, राग द्वेष तो त्यागे हम..
बैर होना किसी का किसी से, भावना मन में बदले की होना...
हम चले मोक्ष मार्ग पर हमसे...भूल कर भी कोंई भूल हो ना !

Wednesday, September 4, 2013

Swagatam Parwadhiraj Paryushan


श्वेताम्बर परंपरा में 2 सितम्बर से 9 सितम्बर तक पर्युषण महापर्व की 
तथा दिगंबर परंपरा में 9 सितम्बर से 18 सितम्बर तक पर्युषण (दशलक्षण महापर्व) की आराधना की जायेगी।
पर्युषण जैन धर्म का सबसे बड़ा पर्व है और धर्म साधना के लिए सबसे उत्तम समय है .
सभी इस लाभ ले .. अपने वाणी का, खाने का,पहनने का , संयम कर के भी हम साधना कर सकते है .
रोजाना एक सामायिक जरुर करे l हो सके तो प्रतिक्रमण भी करे l जीवन में कष्टों को दूर करने के ये सबसे उत्तम समय है ..
जैन धर्म में सबसे उत्तम पर्व है पर्युषण। यह सभी पर्वों का राजा है। इसे आत्मशोधन का पर्व भी कहा गया है, जिसमंम तप कर कर्मों की निर्जरा कर अपनी काया को निर्मल बनाया जा सकता है।
पर्युषण पर्व को आध्यात्मिक दीवाली की भी संज्ञा दी गई है। जिस तरह दीवाली पर व्यापारी अपने संपूर्ण वर्ष का आय-व्यय का पूरा हिसाब करते हैं, गृहस्थ अपने घरों की साफ- सफाई करते हैं, ठीक उसी तरह पर्युषण पर्व के आने पर जैन धर्म को मानने वाले लोग अपने वर्ष भर के पुण्य पाप का पूरा हिसाब करते हैं। वे अपनी आत्मा पर लगे कर्म रूपी मैल की साफ-सफाई करते हैं।
यदि हम हर घड़ी हर समय अपनी आत्मा का शोधन नहीं कर सकते तो कम से कम पर्युषण के इन दिनों में तो अवश्य ही करें। .
यह त्याग का पर्व है.
मन से, वचन से और काय से त्यागने का पर्व.
सब मिलजुल कर इसे मनाएं.

दीपावली जैन पूजन विधि

  दीपावली जैन पूजन विधि Ø   स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र परिधान पहनकर पूर्व या उत्तर दिशा सन्मुख शुद्ध आसन पर बैठकर आसन के सामने ...